कोलकाता, प्रवर्तन निदेशालय ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में इसके पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और कुछ अन्य के कार्यकाल के दौरान कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है, आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया। संघीय एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत एक एफआईआर के बराबर प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज करने के लिए सीबीआई की एफआईआर का संज्ञान लिया है।
सूत्रों के अनुसार, एजेंसी ने इस अस्पताल और मेडिकल कॉलेज से संबंधित बैंकिंग और चिकित्सा खरीद दस्तावेज “विभिन्न स्रोतों” से एकत्र किए हैं और वह जल्द ही आरोपियों को पूछताछ और उनके बयान दर्ज करने के लिए सम्मन जारी कर सकती है।
उन्होंने कहा कि ईडी मामले में आरोपी वही हैं जिनका नाम सीबीआई की शिकायत में है।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर दर्ज अपनी प्राथमिकी में सीबीआई ने घोष और कोलकाता स्थित तीन निजी संस्थाओं – मा तारा ट्रेडर्स, मध्य झोरेहाट, बानीपुर, हावड़ा; ईशान कैफे, 4/1, बेलगछिया और खामा लौहा के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जिनमें 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र), 420 (धोखाधड़ी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 (लोक सेवक को रिश्वत देने से संबंधित अपराध) शामिल हैं।
सीबीआई ने रविवार को घोष, पूर्व चिकित्सा अधीक्षक संजय वशिष्ठ और 13 अन्य के कोलकाता और उसके आसपास के परिसरों पर छापेमारी की थी। यह छापेमारी इस चिकित्सा संस्थान में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में की गई थी। यह संस्थान 9 अगस्त को एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या के बाद जांच के दायरे में है।
रविवार की तलाशी के दौरान एक सीबीआई अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा था कि “बहुत कुछ है।”