यूरोपीय आयोग ने बुधवार को एक नए चिप निर्माण 'पारिस्थितिकी तंत्र' की योजना की घोषणा की, ताकि वैश्विक सेमी-कंडक्टर की कमी के बाद एशियाई और अमेरिकी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता के खतरों को दर्शाने के बाद यूरोपीय संघ को प्रतिस्पर्धी और आत्मनिर्भर बनाए रखा जा सके।
आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने बुधवार को स्ट्रासबर्ग में यूरोपीय संसद में एक नीति भाषण में कहा, “डिजिटल ही निर्णायक मुद्दा है।”
“हम एक नया यूरोपीय चिप्स अधिनियम पेश करेंगे। इसका उद्देश्य संयुक्त रूप से उत्पादन सहित एक अत्याधुनिक यूरोपीय चिप पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। इससे हमारी आपूर्ति की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और इससे अभूतपूर्व यूरोपीय तकनीक के लिए नए बाजार विकसित होंगे।”
सेमी-कंडक्टर की कमी ने कोविड-19 महामारी के प्रभावों से यूरोपीय संघ के उबरने के लिए सबसे बड़ा जोखिम पैदा कर दिया है। आयोग ने पिछले साल अपने 750 बिलियन यूरो (लगभग 65,17,465 करोड़ रुपये) कोविड-19 रिकवरी फंड का पांचवां हिस्सा डिजिटल परियोजनाओं में निवेश करने की योजना का खुलासा किया था।
वॉन डेर लेयेन ने यूरोपीय संघ की एशियाई निर्मित चिप्स पर निर्भरता तथा डिजाइन से लेकर विनिर्माण क्षमता तक आपूर्ति श्रृंखला में इसकी घटती हिस्सेदारी पर अफसोस जताया।
हालांकि, यूरोप की चिप क्षमता के निर्माण में आने वाली बाधाओं में ब्लॉक के बाहर दुर्लभ खनिजों तक पहुंच प्राप्त करना और कंपनियों द्वारा भारी निवेश करने में अनिच्छा शामिल है, जब तक कि वे अपने लाभ को बढ़ाने के लिए संयंत्रों को पूरी क्षमता से नहीं चला सकते।
© थॉमसन रॉयटर्स 2021