नई दिल्ली: सोर्स हेल्थ मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम के अनुसार, 2023-24 के लिए राष्ट्रीय पूर्ण टीकाकरण कवरेज 93.50 प्रतिशत था, जिसमें लक्षद्वीप और जम्मू-कश्मीर शीर्ष पर थे। मंगलवार को राज्यसभा में एक लिखित जवाब में, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने कहा कि लक्षद्वीप (108.79 प्रतिशत) और जम्मू-कश्मीर (108.66 प्रतिशत) के बाद तेलंगाना (106.13 प्रतिशत), दिल्ली (105.03 प्रतिशत), आंध्र प्रदेश (101.26 प्रतिशत), मिजोरम (101.10 प्रतिशत) और महाराष्ट्र (101.04 प्रतिशत) हैं।
इस अवधि के दौरान पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा, मेघालय, कर्नाटक, झारखंड, गुजरात, चंडीगढ़ और छत्तीसगढ़ में टीकाकरण कवरेज 95 प्रतिशत से अधिक था।
दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन एवं दीव में कवरेज सबसे कम 48.03 प्रतिशत थी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में यह आंकड़ा 100 प्रतिशत से अधिक है, क्योंकि वहां सघन मिशन इंद्रधनुष और प्रवासी आबादी के टीकाकरण जैसे कैच-अप अभियानों के माध्यम से कवरेज में वृद्धि हुई है।
सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत, दो वर्ष की आयु तक के सभी पात्र बच्चों को टीकाकरण कार्यक्रम के अनुसार टीके की खुराक दी जाती है।
जाधव ने अपने उत्तर में कहा कि मिशन इन्द्रधनुष और सघन मिशन इन्द्रधनुष विशेष अभियान थे, जो कम टीकाकरण कवरेज वाले क्षेत्रों में छूटे हुए और टीकाकरण से वंचित बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए नियमित अंतराल पर चलाए गए।
सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदर्श टीकाकरण केंद्र बनाने के लिए प्रोत्साहित करती है। राज्यों में ज़रूरत के हिसाब से टीकाकरण शिविर भी लगाए जाते हैं।
जाधव ने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार तथा केंद्र शासित प्रदेशों चंडीगढ़ और लद्दाख में मॉडल टीकाकरण केंद्र पहले से ही चालू हैं।
